scriptशिकायतें सुनने में देरी होने पर एसएसपी ने लिया ऐसा फैसला कि विभाग में मच गया हड़कंप, देखें वीडियाे | SSP Ajay Sahni Meerut delay hearing complaints took bold decision | Patrika News
मेरठ

शिकायतें सुनने में देरी होने पर एसएसपी ने लिया ऐसा फैसला कि विभाग में मच गया हड़कंप, देखें वीडियाे

खास बातें

आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं
निस्तारण में देरी और झूठी रिपोर्ट लगाने पर जेल भेजने की चेतावनी
एसएसपी के छह सब-इंस्पेक्टरों लाइन हाजिर करने के निर्देश

मेरठAug 19, 2019 / 09:00 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। मेरठ एसएसपी अजय साहनी अपने लिए गए फैसलों के कारण लोगों के बीच काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। पहले सड़क पर नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाया और अब पुलिस लाइन में ली गई मीटिंग में लापरवाही बरतने पर छह सब-इंस्पेक्टरों को एक साथ लाइन हाजिर कर दिया। इन सभी पर आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाले प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में देरी करने का आरोप था। एसएसपी के जवाब-तलब करने के बाद भी ये सभी कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। पुलिस अधिकारियों ने सभी थानेदारों की बैठक कर पेंच कसे। जन सुनवाई के निस्तारण में देरी करने या झूठी रिपोर्ट लगाने पर सस्पेंड करने और जेल भेजने की चेतावनी दी।
यह भी पढ़ेंः शादी से चार दिन पहले युवती के साथ छेड़छाड़, इसके बाद दोनों पक्ष आ गए आमने-सामने…

मुख्यमंत्री ने किया था जवाब-तलब

सूबे के मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाले प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने में लापरवाही पर प्रदेश के कई जिलों के डीएम-एसएसपी से जवाब तलब किया है। मेरठ जिला आईजीआरएस की रैंकिंग में लगातार नंबर वन पर है, लेकिन मेरठ के कुछ थानेदार और सब-इंस्पेक्टर शिकायत निस्तारण में देरी कर रहे हैं। इस मामले में एसएसपी अजय साहनी ने जिले के छह सब-इंस्पेक्टरों को लाइन हाजिर करते हुए उनके विरुद्ध जांच बैठा दी है।
यह भी पढ़ेंः लव मैरिज करने के बाद पति ने फोन पर दे दिया तलाक, अब एसएसपी से लगाई गुहार, देखें वीडियो

सीएम की प्राथमिकता पर होगा काम

आईजीआरएस के संबंध में नोडल अधिकारी व एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी, एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह और एसपी देहात अविनाश पांडेय ने सभी थानेदारों की बैठक पुलिस लाइन सभागार में ली थी। समयावधि के चक्कर में झूठी सूचना न दें। ऐसा निस्तारण करें, जिससे पीड़ित संतुष्ट हो। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में आईजीआरएस सबसे ऊपर है। जिन प्रार्थना पत्रों का निस्तारण होता है, उनकी रैंडम जांच की जाती है। यदि जांच में निस्तारण गलत पाया गया तो थानेदार और दरोगा को सस्पेंड तक किया जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः 3 साल पहले गायब हो गया था पति, अचानक पत्नी को पता चली ये बात तो होश खो बैठी

अभी अन्य पर भी गिर सकती है गाज

नोडल अधिकारी संजीव वाजपेयी ने बताया कि जो भी काम में लापरवाही करेगा उसके खिलाफ विभागीय कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे छह सब-इंस्पेक्टरों को लाइन हाजिर किया गया है। कुछ और लोग भी हैं जिनकी जांच अभी चल रही है वे भी जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

Hindi News/ Meerut / शिकायतें सुनने में देरी होने पर एसएसपी ने लिया ऐसा फैसला कि विभाग में मच गया हड़कंप, देखें वीडियाे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो